World Pulses Day 2024: क्यों आज के दिन मनाया जाता है अंतराष्ट्रीय दलहन दिवस? जानिए इसका मकसद
World Pulses Day 2024 History and Significance: हर साल 10 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय दलहन दिवस के तौर पर मनाया जाता है. जानिए इस दिन का इतिहास, महत्व और शरीर के लिए दालों के फायदे.
Pulses Day 2024: प्रोटीन को शरीर के लिए बेहद जरूरी माना गया है और दालों को प्रोटीन का भंडार माना जाता है. दालों को जिस अनाज से तैयार किया जाता है, उस अनाज को दलहन कहा जाता है. दालों में मौजूद पोषण और इसके फायदों के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 10 फरवरी को अंतराष्ट्रीय दलहन दिवस (World Pulses Day) के तौर पर मनाया जाता है. जानिए कैसे हुई इस दिन की शुरुआत.
दलहल दिवस का इतिहास
लोगों को दाल से जुड़े तमाम फाये और इसमें मौजूद पोषण के बारे में बताने के लिए संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 20 दिसंबर 2013 में प्रस्ताव से अंतरराष्ट्रीय दलहन दिवस मानने का निर्णय लिया और साल 2016 को अंतरराष्ट्रीय दलहन वर्ष घोषित किया. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2019 में 10 फरवरी को विश्व दाल दिवस के रूप में मनाने के लिए प्रस्ताव पारित किया. तब से हर साल 10 फरवरी को दलहन दिवस मनाया जाता है.
क्यों शरीर के लिए जरूरी है प्रोटीन
प्रोटीन हमारे शरीर में कोशिकाओं को रिपेयर करने के साथ ही उनके निर्माण में भी मदद करता है. हर दिन हमारा शरीर थोड़ा-थोड़ा प्रोटीन तोड़ता है. ऐसे में शरीर को प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा न मिले, तो शरीर में इसकी कमी हो जाएगी. इसलिए हर किसी के लिए रोजाना की डाइट में प्रोटीनयुक्त चीजें लेना बहुत जरूरी बताया जाता है. वैसे तो प्रोटीन के कई सोर्स हैं, लेकिन वेजिटेरियन लोगों के लिए दालों को प्रोटीन का सबसे बड़ा सोर्स माना जाता है. दालें भारतीय खानपान में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी खानपान का हिस्सा हैं.
किस दाल में कितना प्रोटीन
TRENDING NOW
Maharashtra Winners List: महाराष्ट्र की 288 सीटों पर कौन जीता, कौन हारा- देखें सभी सीटों का पूरा हाल
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
Retirement Planning: रट लीजिए ये जादुई फॉर्मूला, जवानी से भी मस्त कटेगा बुढ़ापा, हर महीने खाते में आएंगे ₹2.5 लाख
Maharashtra Election 2024: Mahayuti की जीत के क्या है मायने? किन शेयरों पर लगाएं दांव, मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने बताया टारगेट
उड़द की दाल: दालों को प्रोटीन रिच फूड माना जाता है. खासतौर पर उड़द की काली दाल में तो काफी प्रोटीन होता है. 100 ग्राम उड़द की दाल में करीब 25 फीसदी प्रोटीन होता है. इसे खाने से आपकी हड्डियां मजबूत होती हैं और पाचन तंत्र बेहतर होता है.
चने की दाल: चने की दाल को प्रोटीन के साथ फाइबर से भी भरपूर माना जाता है. 100 ग्राम चने की दाल में करीब 13 फीसदी प्रोटीन पाया जाता है. चने का इस्तेमाल खाने में कई तरह से किया जाता है. लोग चने को स्प्राउट्स के तौर पर खाते हैं, चने को बेसन के तौर पर इस्तेमाल करते हैं और चने की दाल बनाते हैं.
अरहर की दाल: अरहर की दाल को तुअर की दाल भी कहा जाता है. ये दाल खाने में काफी स्वादिष्ट होती है. 100 ग्राम पकी हुई अरहर की दाल में करीब 5.92 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है. इसके साथ ही इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, विटामिन ए, विटामिन सी, शुगर, फाइबर जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं.
मूंग की दाल: मूंग की दाल को भी काफी फायदेमंद और सुपाच्य माना जाता है. ये पेट के लिए काफी अच्छी होती है. बीमारी के दौरान ज्यादातर विशेषज्ञ इस दाल को खाने की सलाह देते हैं क्योंकि इससे मरीज को अच्छा खासा पोषण मिल जाता है. अगर प्रोटीन की बात करें तो 100 ग्राम मूंग की दाल में 9 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है.
मसूर की दाल: मसूर की दाल छिलके वाली और बिना छिलके वाली, दोनों तरह से खायी जाती है. इसे भी लोग बड़े स्वाद से खाते हैं. 100 ग्राम मसूर की दाल में करीब 9 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है. इसे लोग दाल मक्खनी के तौर पर खाना पसंद करते हैं.
10:47 AM IST